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गैळा में मुश्किल हजार वैळी।
थै दोय पावडा चाळो तो सरी।
हो जावैला सगळां जन्झाळं साचां
थै उठो तो सरी।थै उठो तो सरी।
दोरो है पणे अतो ही कोनी।
कि थै कोनी कर सको।
आतरे है मंजिळ पणे अति ही कोनी,
कि थै पा कोनी सको।
एक दिन थारो ही नाव वैळों।
थारो ही सत्कार वैळो।
थै कीई ळिखो तो सरी।
थै कीई आगे पढों तो सरी।
जन्झाळं के समनर में कद ताण गोत्या ळगाता रैवोला।
थै एक गैळो चुणों तो सरी।
थै उठो तो सरी, थै किही करो तो सरी।
थै उठो तो सरी। थै उठो तो सरी।
किई नी मिळ्यो तो किई सीख ज्यावोला।
जिबा को अनुभव साथ ळे आवोला।
उठता-पडता संभल ज्यावोळा।
पचै एक दिन थै जीत ज्यावोळा।
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सपनो का है ऊंचा आंमर ,
उड़ान ळामी भरिया करो।
पड़ ज्यावो थै कद ही,
फैर खुद उबा हु जाया करो।
हर दिन में है एक पूरी उम्र,
जी भर के थै जिया करो।
टुकड़ा में मति जिया करो।
आ ज्यावै कद ही दुख का बादळ।
हौसळो थै राख्या करो।
हो चायै दुख घणों ही।
मुस्कान थै राख्या करो।
हिम्मत से थाकी थै,
वक्त की करवट बदलिया करो।
जिन्दा हो जठा ताण थै।
जिन्दागी को साथ मति छोड्या करो।
टकड़ा में मति जिया करो।
थोड़ा पाबा चाह में,
सब कुछ आपणू ना गमाया करो।
दुजा की सुणो हो ।
कद ही अपणा मन की भी सुण्यां करो।
ळगा के अपणो को गळै,
दुजा के साथ ही हंस्या करो।
टकड़ा में मति जिया करो।