Lets read Rajasthani poem right now. Part-1
Learn Rajasthani Poem गैळा में मुश्किल हजार वैळी। थै दोय पावडा चाळो तो सरी। हो जावैला सगळां जन्झाळं साचां थै उठो तो सरी।थै उठो तो सरी। दोरो है पणे अतो ही कोनी। कि थै कोनी कर सको। आतरे है मंजिळ पणे अति ही कोनी, कि थै पा कोनी सको। एक दिन थारो ही नाव वैळों। … Read more